शुक्रवार

ल्यूकोरिया

ल्यूकोरिया एवं अनियमित मासिक धर्म के उपचार में आयुर्वेद चिकित्सा है अत्यंत कारगर

ल्यूकोरिया (leucorrhoea) या अनियमित मासिक धर्म के (irregular menstruation) की समस्या अधिकांश महिलाओं में देखी जाती है इनके लक्षणों में अत्यधिक सफेद स्राव का होना माहवारी के समय में गड़बड़ी जलन दर्द आदि शामिल हैं खान पान में लापरवाही बरतने योनि के सफाई में कमी कोई संक्रमण अथवा अन्य रोग इन समस्याओं को बढावा देते हैं और बढावा देने वाले कारक है शर्म और झिझक के कारण महिलाए अक्सर इन विषयों पर चर्चा करने के लिए या करने से कतराती है जिससे भविष्य में ये समस्याएं गम्भीर रूप ले लेती है या ले सकती हैं जबकि आयुर्वेद में चिकित्सा इन रोगों का निदान करने में बहुत कारगर साबित या सिद्ध हुई है और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमें स्वस्थ रहने के आयुर्वेद में अच्छे उपाय उपलब्ध है

महिलाओं को घर और अपने कार्य स्थल दोनों ही जगह पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है उन्हें अपने जीवन में एक सन्तुलन को कायम करने की जरूरत महसूस होती है भले ही महिलाओं की शारीरिक बनावट जटिल हो लेकिन स्वभावतः वे अपने निजी स्वास्थ्य को ज्यादातर अनदेखा करती जाती है महिलाओ से संबंधित समस्याएं अधिकांश समय दीर्घ स्थायी होती है इनमें ल्यूकोरिया (LEUCORRHOEA) और अनियमित माहवारी (irregular menstruation) प्रमुख हैं ल्यूकोरिया एवं अनियमित मासिक धर्म के उपचार में आयुर्वेद चिकित्सा है अत्यंत कारगर

ल्यूकोरिया( LEUCORRHOEA) ल्यूकोरिया या फिर कहे योनि से निकलने वाला स्राव सम्बन्धी समस्या अधिकांश महिलाओं को झेलनी पड़ती है इसके कारणों में योनि की साफ सफाई में लापरवाही अंतडियो के कीड़े भीगे या फिर पूरी तरह से न सुखने सुखे अंतर्वस्त्र आदि की वजह से योनि में होने वाली जलन 🔥 हो सकते हैं इसकी अन्य वजहों में वैजिनाइटिस (vaginitis) सव्रिसाइटिस (cervicitis) अनुपयुक्त जीवन शैली खानपान की गलत आदतों हार्मोन का असंतुलन इंट्रायूटेरिन गर्भनिरोधक का इस्तेमाल यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण योनि की साफ सफाई में लापरवाही खुजली एनीमिया बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण आदि शामिल हैं

अनियमित माहवारी (irregular menstruation)

अनियमित माहवारी की समस्या में बेहद अधिक या फिर नाममात्र का रक्त स्राव देखने को मिलता है कई बार माहवारी होती ही नहीं 👎 है या फिर लगातार रक्त स्राव या दो माहवारी एक ही चक्र में 👀 देखने को मिलती है इसके कारकों में हार्मोन का असंतुलन तनाव वजन का अचानक बढ़ना या घटना यौन रोग मेनोपॉज के पूर्व लक्षण इंडोमेट्रियोसिस पेल्विस का प्रदाह यूटेरिन फाइब्रांयड पांलीसिस्टिक ओवरियन रोग आदि होते हैं

यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि इन समस्याओं को लेकर महिलाओं में शर्म 😳 या झिझक देखी जाती है 👩 और इस संबंध में वे चर्चा करने में या चर्चा करने से कतराती है यदि इनकी चिकित्सा न की जाए तो यह समस्या वर्षों तक रह सकती है और और साथ ही अन्य बीमारियों को भी आमंत्रित कर सकती है

प्रकृतिक चिकित्सा 😷 ल्यूकोरिया और अनियमित माहवारी के लिए चिकित्सा के कई विकल्प उपलब्ध है लेकिन अधिकांश मामलों में अस्थाई राहत ही मिलती है जिससे कुछ समय बाद ये लक्षण फिर से 👀 देखने लगते हैं साथ ही चिकित्सा 😷 की इन विधियो का प्रतिकूल प्रभाव भी पडता है हालांकि समय 🕒 की कसौटी पर खरी उतरने वाली सदियों से जाची परखी आयुर्वेद चिकित्सा है अत्यंत कारगर साबित हो सकता है और हुई है इसपर विशेष रूप से बचाव रहन सहन रख रखाव नियम पालन से ही इस चिकित्सा पद्धति में श्रेष्ठ है पर हमे आज इस पर विचार करना होगा आज अपने आयुर्वेद पर हमे इस पर बिस्वास करना होगा

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Popular Posts

Categories

मनुष्य का सबसे बड़ा धन उसका स्वस्थ शरीर हैं इससे बड़ा जगत में कोई धन नहीं है यद्यपि बहुत लोग धन के पीछे अपना यथार्थ और भविष्य सब कुछ भुल जाते हैं। उनको बस सब कुछ धन ही एक मात्र लक्ष्य होता है। अन्तहीन समय आने पर उन्हें जब तक ज्ञात होता है तब तक देर हो चुकी होती है। क्या मैंने थोड़ा सा समय अपने लिए जिया काश समय अपने लिए कुछ निकाल पाता तो आज इस अवस्था में मै नहीं होता जो परिवार का मात्र एक प्रमुख सहारा है वह आज दुसरे की आश लगाये बैठा है। कहने का तात्पर्य यह है कि वह समय हम पर निर्भर करता है थोडा सा ध्यान चिन्तन करने के लिए अपने लिए उपयुक्त समय निकाल कर इस शारीरिक मापदंड को ठीक किया जाय। और शरीर को नुकसान से बचाया जाए और स्वास्थ्य रखा जाय और जीवन जीने की कला को समझा जाय।   vinaysinghsubansi.blogspot.com पर इसी पर कुछ हेल्थ टिप्स दिए गए हैं जो शायद आपके लिए वरदान साबित हो - धन्यवाद