रविवार

गैस और कब्ज

आज प्रायः हर व्यक्ति गैस हाइपरएसिडीटी या कब्ज जैसी समस्याओं से पिडीत है प्रारंभिक अवस्था में अधिकांश लोग इन पर ध्यान नहीं देतें जिसके कारण भविष्य में यह रोग बहुत गम्भीर अवस्था का रूप ले लेता हैं या इसके कारण बहुत सी विमारियो का बुलावा आ जाता है खान पान एवं जीवन शैली में बदलाव के अलावा सटीक चिकित्सा के द्वारा इन पर लगाम और इससें 

छुटकारा और निजात मिल सकता हैं या यु कहे अत्यधिक गैस हाइपएसिडीटी या कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आवश्यक चिकित्सा के साथ जीवनी शैली में परिवर्तन और सटीक रहन सहन बदलाव बहुत जरुरी हो जाता है इस पर आराम से काबू मे रखा जा सकता है और हम रख सकते हैं

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी पेट व आंत संबंधित समस्याओं से आज बड़ी तादात मे लोग पिडीत है और भुगत रहे है इस रोग की वजह से हमारे पाचनतंत्र के एक या अधिक अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं इससे जुड़ी आम समस्याओं में गैस का अत्यधिक बनना हाइपरएसिडीटी एवं कब्ज प्रमुख है फास्ट फूड़ को नियमित रूप से खाने और व्यस्त जीवन जीने से इन रोगों की संम्भावना कई गुना बढ जाती हैं
अत्यधिक गैस -असुविधाजनक परिस्थिति
यह समस्या लोगो में आम देखने को मिलती हैं इसके वैज्ञानिक पहलू पर नज़र डाले तो गैस उस वक्त बनती हैं जब कोलोन मैं मौजूद बैक्टीरिया भोजन को फर्मेट कर देते हैं जो छोटी आंत में नहीं पचते हैं यह दुरभाग्य है कि ज्यादा फाइवर वाले स्वस्थ भोजन से भी यह परेशानी अधिक देखने को मिलती हैं भले ही फाइबर से स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ होते हैं लेकिन यह गैस के बनने में भी सहायक होता है जिन खाद्य पदार्थों से गैस अधिक बनता है कुछ सब्जियों फल साबुत अनाज वीन्स मटर आदि सामिल है !
हाइपरएसिडीटी अम्ल की अधिकता
स्वास्थ्य की उस स्थिति को हाइपरएसिडीटी कहते है जिसमें पेट अधिक मात्रा में अम्ल रिसाव करता हैं इसकी वजह से हमारा पूरा स्वास्थ्य हीं डगमगाने लगता हैं अम्ल के अधिक अत्यधिक रिसाव के कारणों में मसालेदार भोजन या फास्ट फूड़ के आलावा तनावपूर्ण जीवन विभिन्न प्रकार की दवाएं अलकोहल का सेवन धुम्रपान और उपवास के आलावा उम्र का बढना भी हो सकता है इत्यादि कारण है जो इसका कारण बनते है !
कब्ज विभिन्न रोगों को आमंत्रण
कब्ज से कभी न कभी हम सब दो चार जरुर होते हैं यह एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें पिडीत ब्यक्ति सप्ताह में केवल तीन या उससॆ कम बार मल त्याग कर पाता हैं चिकित्सकीय भाषा में कहें तो यह समस्या उस वक्त तीब्र कहीं जाती हैं जब पिडीत ब्यक्ति सप्ताह में एक ही बार मल त्याग सकता हैं या त्याग कर पाता है कब्ज होने के पिछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें खान पिन की लचर आदत कम फाइबर वाले भोजन ग्रहण करना लैग्जेटिव का गलत इस्तेमाल हारमोंन का अंसतुलन और कोलोन पर प्रतिकूल प्रभात डालने वाली सम्स्याए जैसे कोलोनिक इनर्शिया या पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन सामील हैं इत्यादी यह सब कारण की उपज हैं !
प्राकृतिक उपचार                                                        जैसे उपर कारणों का विस्तृत उल्लेख किया गया है फिर भी इसकी विशेष उपचार में युनानी पद्धति में उपचार विशेष महत्वपूर्ण स्थान रखता है पेट व आत सम्बन्धित समस्याओं के सामधान के लिए इनके मुल कारणो का प्रभावि तरिके से चिकित्सा करना बहुत जरुरी हैं  इस दिशा में आयुर्वेद युनानी पद्धति एवं साइंटिफिक योगा की सम्लित चिकित्सा के द्वारा अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है और सिद्ध भी हुई है इस पद्धति में कोई चिकित्सा का साइडइफेक्ट नहीं हैं !और स्थायी समाधान संम्भव है !
kolkata Kolkata, Kolkata

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मनुष्य का सबसे बड़ा धन उसका स्वस्थ शरीर हैं इससे बड़ा जगत में कोई धन नहीं है यद्यपि बहुत लोग धन के पीछे अपना यथार्थ और भविष्य सब कुछ भुल जाते हैं। उनको बस सब कुछ धन ही एक मात्र लक्ष्य होता है। अन्तहीन समय आने पर उन्हें जब तक ज्ञात होता है तब तक देर हो चुकी होती है। क्या मैंने थोड़ा सा समय अपने लिए जिया काश समय अपने लिए कुछ निकाल पाता तो आज इस अवस्था में मै नहीं होता जो परिवार का मात्र एक प्रमुख सहारा है वह आज दुसरे की आश लगाये बैठा है। कहने का तात्पर्य यह है कि वह समय हम पर निर्भर करता है थोडा सा ध्यान चिन्तन करने के लिए अपने लिए उपयुक्त समय निकाल कर इस शारीरिक मापदंड को ठीक किया जाय। और शरीर को नुकसान से बचाया जाए और स्वास्थ्य रखा जाय और जीवन जीने की कला को समझा जाय।   vinaysinghsubansi.blogspot.com पर इसी पर कुछ हेल्थ टिप्स दिए गए हैं जो शायद आपके लिए वरदान साबित हो - धन्यवाद